आज जानने को मिलेगा की C Programming in Hindi क्या है और कैसे सीखना है? और इस लैंग्वेज को क्यों सीखना चाहीए इस लैंग्वेज को कैसे सीखे और C Language को सिखने के क्या क्या फायदे है बाकि जितने भी आपके मन में C Programing से सम्बंधित सवाल तो उन सभी सवालों के जबाब आपको मिलने वाले है तो उन सभी सवालों के जबाब जानने के लिए इस लेख को पढना होगा तो आईये पढ़ते है.
अगर आप कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में रूचि रखते है तो किस न किसी एक भासा को आपको चुनना होगा लेकिन इस भासा को सीखना धोड़ा कठीन काम है इससे पहले आपको देखना होगा की आपको क्या बनाना चाहते है जैसे की आप को वेब साईट बनाना है , एप्लीकेशन बनाना है आदि तो आपको क्या बनाना है.
अगर आप नये है तो C Language को सीखना आपके लिए सही रहेगा इस लैंग्वेज को सिखने के कई फायदे है की C लैंग्वेज को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है और सी लैंग्वेज कई एडवांस कंप्यूटर लैंग्वेज की मूल भाषा है यानि की आप सी लैंग्वेज को सिख लेते है तो बाकि लैंग्वेज को सीखना आपके लिए सरल हो जायेगा. C Programming in Hindi

C Programming लैंग्वेज क्या है? (What is C Language in Hindi)
C लैंग्वेज एक जनरल purpose प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है इसके उपयोग से हम कई तरह के एप्लीकेशन बनाने में उपयोग करते है. और सी प्रोग्रामिंग को उपयोग से Windows या ios जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर के कई तरह एप्लीकेशन बना सकते है और ये लैंग्वेज स्वतंत्र structured programming language भी है.
जिसका मतलब ये की सी लैंग्वेज को कई तरह से कंप्यूटर पर चला सकते है. इस प्रोग्रामिंग भाषा को सिस्टम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में बनाया गया था.
इस लैंग्वेज को मिडिल लेवल लैंग्वेज के रूप में देखा जाता है क्यों की इसमे low level और high level लैंग्वेज की उपयोग होते है. और इस लैंग्वेज को accembly code में बदल सकते है और सी लैंग्वेज को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है सी लैंग्वेज के source code बिना किसी बदलाव के दुसरे ऑपरेटिंग सिस्टम में काम करता है.
सी प्रोग्रामिंग का उपयोग कहा-कहा होता है?
सी प्रोग्रामिंग का उपयोग सिस्टम डेवलपमेंट सम्बंधित कार्यो के लिए किया गया है लेकिन आज आज भी अलग अलग कामो के लिए उपयोग किया जाता है
- Compilers
- Database
- Application Software
- System Software
- Network Driver
- Operating System
Compilers :-
कम्पाइलर के सॉफ्टवेर प्रोग्राम है जो की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखे गए इंस्ट्रक्शन को processed करता है और उन्हें मशीन लैंग्वेज में बदल देता है, जिससे की कंप्यूटर प्रोसेसर के लिए उसको समझना आसान हो जाता है सी लैंग्वेज का उपयोग compiler को बनाने के लिए बहूत पहले किया गया था.
Database :-
डाटा के Systematic collection को database कहा जाता है जो की इसके डाटा को management को सरल और आसान बनाना होता है इस संसार के जितने भी बड़े DBMS सोफ्टवेर जैसे की MySQL, MS SQL, Oracle इनको सी लैंग्वेज में ही कोड किया गया है.
Application Software :-
C Programming का उपयोग एप्लीकेशन सॉफ्टवेर बनाने में भी किया जाता है इसका का उपयोग सॉफ्टवेर प्रोग्राम और Hardware device के बन जाने के बाद इसका उपयोग होता है.
System Software :-
सिस्टम सॉफ्टवेर एक तरह का कंप्यूटर प्रोग्राम है जिससे की कंप्यूटर के हार्डवेयर और एप्लीकेशन प्रोग्राम को रन करने के लिए बनाये गये है सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम और compiler जैसे system software को डिजाईन करने में उपयोग किया जाता है.
Network Driver :-
नेटवर्क ड्राइव के प्रोग्राम को भी सी लैंग्वेज में ही लिखा जाता है इन नेटवर्क ड्राईवर का काम नेटवर्क डिवाइस को कंप्यूटर और ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ साथ और भी नेटवर्क कंप्यूटर और नेटवर्क डिवाइस के बिच सचार बनाने में किया जाता है इसके अलावा ग्राफ़िक एप्लीकेशन जैसे की कंप्यूटर, मोबाइल गेम, embedded system, language interpreters assemblers बनाने में भी सी लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है
C Language का इतिहास (History of C Language)
सी लैंग्वेज बनने से पहले एक मार्टिन रिचड नाम शक्स थे जिन्होंने लैंग्वेज बनाई थी BCPL जिसका पूरा नाम है Basic Combied Programming Language जो की इन्होने ये लैंग्वेज 1966 में बनाई थी इन्होने बहूत सी लैंग्वेज को combile करके इस लैंग्वेज को बनाई थी और Ken Thompson जो की बेल लेबोरिट्री में काम करते थे इन्होने BCPL लैंग्वेज को प्रोफ करके B लैंग्वेज बनाई कहा ये जाता है.
की BCPL शब्द का पहला शब्द B लेटर ही चुना इन्होने बेन रिचड को समान दिया क्यों की उन्ही की लैंग्वेज को चुन के करके इन्होने इन्प्रोव्मेंट करके B लैंग्वेज बनाई थी ये काम इन्होने 1969 में जो इन्होने पहने ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहा तो इन्होने बी लैंग्वेज भी बनाई बाद में ऑपरेटिंग सिस्टम भी बनाया उस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम है.
UNIX
UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम एक और बेल लेबोरेट्री में काम कर थे Dennis Ritchie जो की केन थोमसन के साथ काम करते थे डेनिस रिची ने 1972 में C Language बनाया था जो की B लैंग्वेज को ही इम्प्रोव करके ही C Language बनाया था बनाने का कारण ये था की सी लैंग्वेज के जरिये और फीचर आ जाये जो की पहला फीचर ये था की इसमे ऑपरेटिंग सिस्टम आजाये सी लैंग्वेज बनाई ही इसी लिए गये थी की सी लैंग्वेज में UNIX Operating System आजाये और जो आज जो लैंग्वेज पढ़ते है वो सी लैंग्वेज में ही बनाये. C Programming in Hindi
निष्कर्स
इस लेख में आपने जाना की C Programming in Hindi और कैसे सीखना है? सी प्रोग्रामिंग का उपयोग कहा कहा होता है C Language का इतिहास तो उम्मीद है की इन सबको पढने पर आपके सवालों के जबाब मिल गये होगे तो अगर आपके के सवाल रह गये है तो आप कमेंट के माध्यम भेज सकते है अगर बाकि लैंग्वेज के बारे आपको पढना है तो इस वेब साईट के जरिये आप जानकारी जान सकते है बाकि लैंग्वेज के बारे में C Programming in Hindi
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